ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध

DR. APJ ABDUL KALAM ESSAY :-

हेलो दोस्तों आज के इस Article में मैं आपको बताऊंगा की Dr. APJ Abdul Kalam के बारे मैं तो आज हम आपको  इसमें आपको उसका पूरा मतलब समजाया जायेगा वह भी हिन्दी में तो यह Post आपके लिए है तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते है आज मैं आप सभी को एक निबंध बताने जा रहा हूं जी हां फ्रेंड आज हम लोग जो सिखेंगे बो निबन्ध है Dr. APJ Abdul Kalam. 

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध


आज हम लोग Dr. APJ Abdul Kalam के बारे में जानेंगे Dr. APJ Abdul Kalam भारत के महान वैज्ञानिक हैं सन 1997 में उन्हें भारत रत्न सम्मान नहीं चुका है सन 2002 से 2007 तक वे भारत के राष्ट्रपति रहे उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम है वे मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध है दक्षिण भारत में रामेश्वरम नामक एक कस्बा है रामेश्वरम भारत के प्रसिद्ध चार धामों में से एक है डॉ कलाम का जीवन हम सब के लिए प्रेरणादायी है 

उनके जीवन की कई ऐसी छोटी-मोटी घटनाएँ हैं जो हमें बहुत कुछ सिखा जाती है | जब वो राष्ट्रपति बने थे तो दो सूटकेस लेकर राष्ट्रपति भवन पहुँचे थे उनकी जरुरत का पूरा सामान उन दो सूटकेसों में आ जाता था | राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा होने पर जब उन्होंने राष्ट्रपति भवन छोड़ा तो भी अपने साथ सिर्फ दो सूटकेस ही ले गए | पाँच वर्षों में उन्हें जो भी भेंटें मिली थी, उसमें से कुछ भी उन्होंने अपने लिए नहीं लिया | 

जब उनकी मृत्यु हुई तब भी संपत्ति के नाम पर उनके पास दो सूटकेस, कुछ किताबें और कुछ छोटा-मोटा सामान ही था | विलासिता का कोई सामान उन्होंने अपने पास नहीं रखा देश के लिए उनके योगदान को देखकर, भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें भारत के राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया। 18 जुलाई 2002 को, डॉ। कलाम को नब्बे प्रतिशत बहुमत से भारत का राष्ट्रपति चुना गया। 

यद्यपि वे एक राजनीतिक व्यक्ति नहीं थे, लेकिन उनकी राष्ट्रवादी सोच और देश के कल्याण के लिए उनकी घोषित नीतियों के कारण, वे बहुत लोकप्रिय हो गए। उन्होंने कई प्रसिद्ध और प्रेरक किताबें लिखी हैं जैसे विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइड माइंड्स, इंडिया 2020, जो लोगों को विशेष रूप से छात्रों को प्रेरित करता है। इन किताबों में, उन्होंने अपने जीवन के बारे में, अपने सपनों के भारत के बारे में बहुत कुछ लिखा। वह 2020 तक भारत को महाशक्ति बनाना चाहते थे।

साहित्यिक परिचय :-

मिसाइल मैन Dr. APJ Abdul Kalam का जन्म 15 अक्टूबर 1931 ईस्वी को धनुष्कोड़ी गांव रामेश्वरम की तमिलनाडु में हुआ था उनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम असीअम्मा था कलाम जी  के घर की  आर्थिक स्थिति  ठीक नहीं थी  

इसलिए पढ़ाई के साथ-साथ काम भी करते थे उनके पिता नाभिक थे कलाम साहब पर अपने पिता जैनुलआब्दीन  का बहुत प्रभाव पड़ा कर्म ही पूजा हैयह गुरु मंत्र कलाम साहब को अपने पिता से विरासत में मिला था Dr. APJ Abdul Kalam ने अपने पिता से ईमानदारी आत्मविश्वास तथा  करुणा का  उपहार प्राप्त किया था

Dr. APJ Abdul Kalam की शिक्षा :-

उनकी प्रारंभिक शिक्षा रामेश्वरम में ही हुई डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने सन 1950 में तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज से Bsc की परीक्षा उत्तीर्ण की थी  उन्होंने मद्रास Institue Of Technology एरोनॉटिकल Engineering में उपाधि प्राप्त की 1958 ईस्वी में  डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम DTD मैं तकनीकी केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक सहायक के पद पर नियुक्त हुए 1962 से 1982 ईस्वी तक तब तक एपीजे अब्दुल कलाम ने अंतरिक्ष अनुसंधान समिति में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहते हुए सदर संवेदी उपग्रह का निर्माण किया  

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध


उनके निर्देशन में नाग त्रिशूल आकाश पृथ्वी तथा अग्नि 5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था अब्दुल कलाम को तेजस्वी विद्यार्थी जीवन में उन्हें कई पुरस्कार मिले अंग्रेजी गणित विज्ञान और तमिल उनकी प्रिय विषय थे उन्होंने भौतिक शास्त्र में स्नातक तक की पढ़ाई की उनकी रुचि इंजीनियर मे थी 

वे  एयरोनॉटिकल इंजीनियर  पायलट बनना चाहते थे पर उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हुई डॉ कलाम ने भारत सरकार के कई संस्थानों में काम किया तरह-तरह के मिसाइल बनाने में  उन्होंने कुशलता प्राप्त की बाद में उन्होंने पृथ्वी आकाश  अग्नि आदि कई मिसाइल बनाई इस तरह उन्होंने सत्तू के परमाणु हमलों  से भारत को मजबूत सुरक्षा प्रदान की

Dr. APJ Abdul Kalam का वैज्ञानिक जीवन :-

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 1998 पोखरण परमाणु परीक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के अंतरिक्ष कार्यक्रम और विकास कार्यक्रम के साथ इसी कारण डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन  के रूप में माना जाता है  

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने करियर की शुरुआत भारतीय सेना की एक छोटे हेलीकॉप्टर का डिजाइन बनाकर किया DRDO में DR. APJ Abdul Kalam उनके काम को लेकर संतुष्ट्र नहीं थे डॉ एपीजे अब्दुल कलाम पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा गठित Indian National कमेटी स्पेस रिसर्च के सदस्य भी थे 

इस दौरान उन्हें अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ कार्य करने का अवसर मिला 1969 मैं डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का स्थानांतरण भारतीय आंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO मैं हुआ  यहां  वह  भारत के सेटेलाइट लॉन्च परियोजनाओं के निवेदक के तौर पर नियुक्त किए गए थे इस परियोजना की सफलता के परिणाम स्वरूप भारत का प्रथम उपग्रह रोहिणी पृथ्वी की कक्षा में बस 1980 ईस्वी में स्थापित किया गया | 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 1963-64  ईसवी के दौरान उन्होंने अमेरिका की अंतरिक्ष संगठन  नासा की भी यात्रा की परमाणु वैज्ञानिक राजारमन नाथ जी की देखरेख में भारत ने पहला परमाणु परीक्षण सफल किया  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को 1976 ईस्वी में पोखरण में परमाणु परीक्षण देखने के लिए भी बुलाया था 

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 70 और 80 के दशक में अपने कार्यों और  सफलताओं से  भारत में बहुत प्रसिद्ध हो गए  और देश के सबसे बड़े  वैज्ञानिकों मैं उनका नाम गिना जाने लगा जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नहीं होता, कोई हमारी इज्जत नहीं करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नहीं है। केवल ताकत ताकत का सम्मान करती है

Dr. APJ Abdul Kalam का राष्ट्रपति बनना :-

25 जुलाई 2002 डॉक्टर पी जे अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति के  रूप में शपथ ली थी 25 जुलाई 2007 को राष्ट्रपति कार्यालय छोड़ने के उपरांत डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रबंधन संस्थानों विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान अनुसंधान संस्थानअंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में अपना अमूल्य योगदान देते

Dr. APJ Abdul Kalam पद्म भूषण से सम्मानित :-

सन 1999 ईस्वी में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार पद से निवृत्त होकर  वे भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के पद पर अरुण हुए  डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के 79  वीर जन्मदिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया गया था  

इसके अतिरिक्त उन्हें लगभग 40 विश्वविद्यालयों द्वारा मानव डॉक्टरी की उपाधियां प्रदान की गई थी भारत सरकार द्वारा उन्हें 1981 में पद्म भूषण,  1990 में  पदम विभूषण और 1977 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया जो उनके वैज्ञानिक अनुसंधान और भारत में तकनीकी के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया गया था

Dr. APJ Abdul Kalam मृत्यु :-

27 जुलाई 2015 में Dr. APJ Abdul Kalam शिलांग चले गए जहां पर उनको क्रिएटिंग लिवेबल प्लेनेट अर्थ पर Lecture देना था यह Lecture उन्हें आई एम शिलांग में देना था जब वह सीढ़ियों से चल रहे थे Dr. APJ Abdul Kalam की तबियत अचानक से ख़राब हो गई और बो पास के सभागार मे चले गए वहां पर उन्होंने आराम किया 6:35 पर Lecture शुरू होने के कुछ 5 मिनट हुए थे और वह धरती मैं गिर गए

फिर उनको बेथनी Hospital में भर्ती कराया गया और वह 7:45 पर दुनिया को छोड़कर चले गए जब बो अलबिदा होने बाले थे तब उन्होंने अपनी आखिरी बात श्री जैन पारसी से बोले उन्होंने कहा फनी गाइड आर यू डूइंग वेल एपीजे अब्दुल कलाम सबके लिए एक प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं खासकर युवा उनका अपना आइडल मानते हैं तो यह थी अब्दुल कलाम की कहानी.

Conclusion :-

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम कहते थे सपने देखो और उन्हें साकार करो डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है आप अपना भविष्य नहीं बदल सकते पर अपनी आदत है तो बदल सकते हैं और बदलती हुई आदतें आपका भविष्य बदल देगी अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह  जलना सीखो तो दोस्तों  कहते हैं न सपने वो नहीं हैं  जो आप नींद में देखे सपने वह है 

जो आपको नींद नहीं आने दे इससे पहले कि सपने सच हों आपको सपने देखने होंगे तो दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको आज का हमारा यह विषय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम बहुत अच्छा लगा होगा

 उम्मीद करता हूँ  कि आप सभी को हमारा यह post जरूर पसंद आया होगा और अगर आप सभी को हमारा यह post पसंद आया है तो आप अपने उन सभी दोस्तों को share कर सकते हैं 

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